मै 3 महीने पहले उनके संपर्क में आया अपने book वाले project को लेकर बहुत खुश हुए थे wo इस प्रोजेक्ट को सुनकर हमारी book की भूमिका भी लिखी और अपना mobile number भी दिया की मै किसी भी country में रहूँगा ये number साथ रहेगा जिस दिन उनको 'ब्रेन हेमरेज' के 2 दिन पहले मेरी 32 min तक बात हुयी जिसमे उन्होंने अपने माज़ी के बारे में भी बात की कि जब मै तुम्हारे age का था तब मै भी किया जुनूनी था शाएरी को लेकर मेरी तो सारी हिम्मत जवाब दे गयी मेरी book के विमोचन के लिए भी November last तक बोला था इतने कम समय में इतना प्यार मिला उनकी सादगी आज भी भुलाये नहीं भूलती है यादों के तोर पे उनसे कुछ बातें record हो गयी जो धरोहर है मेरे लिए . . एक और बात उन्होंने बोली थी मेरे बारे में की तुम ये क्यों बोलते हो की मै रोहित बोल रहा हूँ इतना मीठा नाम आपका "मीत" है आप अपना परिचय मीत से दिया करें मैंने आपका number Meet Lko के नाम से save कर रखा है आखिरी में बस इतना कहूँगा 'तुम ये कैसे जुदा हो गए हर तरफ हर जगह हो गए ........आज भी यकीन नहीं होता फिर भी एक कलाकार कभी नहीं मरता उनकी आवाज़ अमर है अमर रहेगी वो मुझ से इतना दूर गया जितना दिल के करीब था उसके यादों के फूल ही शायद मेरा नसीब था आज रोहित नहीं सिर्फ "मीत"
बुधवार, 12 अक्तूबर 2011
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एक अज़ीम शख्सियत के विषय में बहुत ही भावपूर्ण स्मरण है यह पोस्ट..... उनका जाना किसी व्यक्तिगत के जाने से कम नहीं....! श्रद्धांजलि
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