कोंई रिश्ता निभा नहीं पाया
मै कभी मुस्कुरा नहीं पाया
देखकर भूख उन गरीबों की
इक निवाला भी खा नहीं पाया
मुझको मंसब तो मिल रहा था मगर
मै कभी सर झुका नहीं पाया
यू किया आईने ने शर्मिंदा
फिर कभी सर उठा नहीं पाया
सोचकर घर मेरा भी है इसमे
गांव को मै जला नहीं पाया
तुम जुदा हो ये बात तुम जानो
"मीत " ने तो जुदा नहीं पाया
Rohit kumar"meet"
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